भारत Vs. India

India is my country. All Indians are my brothers & sisters. मुझे India के प्रगति पर गर्व है. आज India ने सभी क्षेत्रो में नेत्रदीपक प्रगति की है. India जल्द ही एक सुपरपावर के रूप में उभर आयेगी। चाँद पर कदम रखनेवाले कुछ शक्तिशाली राष्ट्रों में India का नाम शामिल है. India में अमीरों की संख्या दिन ब दिन बढती ही जा रही है। (India ranks only next to USA in number of billionaires) आज Indian billionaire मुकेश अम्बानी ने खुद के ४ सदस्यीय परिवार के लिए २७ मंजिला घर बनवाया है और उसका पहले महीने का बिजली का बिल ७० लाख रुपये आया था। ( wow! it’s exciting!) Swiss bank में Indians के 1450 billion dollars जमा है. It’s India shining.

भारत मेरा देश है। सभी भारतीय मेरे भाई-बहन है। आज ७० % आबादी गावो में रहती है जहा की मूलभूत सुविधाओ की काफी कमी है। आज भी बहोत सारे गावो में सड़के, बिजली, स्वास्थ सुविधाए, रोजगार के अवसर नहीं है। शिक्षा के अवसर नहीं है, जो है वो काफी निम्न दर्जे के है। कुपोषण, बालमृत्यू , टीबी, न्युमोनिया, डायरिया ई. रोगों में भारत आज विश्व में सबसे आगे है। (अचीवमेंट!!) आज भी करोडो लोग यहाँ भूखे सोते है।

ऊपर बताई हुई सभी बाते बिलकुल सच है। एक तरफ India की shine बढ़ते ही जा रही है और दूसरी तरफ भारत की गरीबी बढ़ते ही जा रही है। हमारे देश की दो शक्ले बन है- India और भारत। दैदिप्यमान, शाइनिंग India के पास बीमार कुपोषित भारत की तरफ ध्यान देने के लिए वक्त नहीं है। India को उसकी success सेलिब्रेट करनी है, उसकी party अभी भी बाकी है।

मैंने और मेरे कुछ दोस्तों ने पिछले ४ सालो में एक ऐसा भारत देखा है, जिसने हमारे जिंदगी की दिशा बदल दी। मेलघाट, गडचिरोली, छत्तीसगढ़ – जंगलो से घिर हुए, किसी निष्पाप बालक के हंसी की तरह रम्य। पर इस सुन्दर चेहरे के पीछे एक काल सच छिपा है- कुपोषण, बालमृत्यु, गरीबी, निरक्षरता, बेरोजगारी का।

‘मेलघाट मित्र’ संस्था के ‘ धड़क मोहिम’ के अन्तर्गत हम सबसे पहले मेलघाट गए थे एक नए Thrill का अनुभव लेने के लिए। वहा हमें भारत का दूसरा चेहरा दिखा । स्वास्थ सुविधाए नहीं है इसलिए होने वाले बालमृत्यु हमने देखे। माँ के गर्भ में पर्याप्त पोषण न मिलने से होने वाले कम वजन के बच्चे हमने देखे। कई Water borne diseases जो की Shining India से मिट चुकी है, वही कुपोषण का एक मुख्य
कारण बनते हुए हमने देखा है। बदतर शिक्षा व्यवस्था हमने देखी। जिंदगी में पहली बार बिना बिजली के गाव देखे। ३०-३५ किलोमीटर दूर वाले नज्दिकतम स्वास्थ केंद में जाने के लिए कितने मुश्किल हालातो से गुजरना पड़ता है इसका स्वयं अनुभव लिया। भ्रष्ट शासन व्यवस्था देखि। बहोत सारे सवाल मन में आये- कुपोषण, बालमृत्यु क्यों होते है? ऐसे हालत क्यों पैदा हुए? इसमें दोष किसका है?

इन परिस्थितियों के लिए दोषी ‘मै’ हु। मेरे ही कारण India और भारत में विषमता की गहरी खाई पैदा हुई है। क्योकि- I am the ‘I’ in India. The day I was born in this country, this country was also born in me.
– मेरे देश की सिस्टम कभी काम नहीं करती – because I am the system that doesn’t work.
– मेरे देश की व्यवस्था भ्रष्टाचार में डूबी हुयी है.- क्योकि मैंने फर्जी इनकम सर्टिफिकेट बनवाने के लिए कुछ घूस दी थी।
– मेरे देश की सड़को पर काफी गंदगी फैली हुई है- क्योकि मैंने खाया हुआ केले का छिलका रास्ते पर ही फेंका था।
Everything that is wrong with this country starts with me, and will soon end with me.

मेलघाट के कुपोषण के लिए अगर मै जिम्मेदार हूँ, तो उसको नष्ट करने के लिए भी मुझे ही प्रयत्न करना होगा। गांधीजी ने कहा है की- Be the change you wish to see in the world.
we can do it.

_ सागर काबरा