Madness

वो जाना चाहते है – प्रवाह के विरुद्ध,
वहा – जहा पहले कोई भी नहीं पहुँचा
हमारे मायनों में ये ‘madness’ ही है.
वो भी सहमत – ये madness ही है.

वो जाना चाहते है ऐसी जगह –
जहा लोग ना उनके इरादे समझते है – ना ही भाषा
हर पल शक की सुई के निचे –
और भी मजबूत बनती उनकी आशा
शायद यही बात उन्हें हमसे अलग करती है,
और वो विनम्रता से कहते है – ये ‘madness’ ही है.

उन्हें जाना है ऊँचे पहाड़ी के ऊपर बसे,
उस पंधरा-बीस घरों के गाँव में,
रास्ता – शायद अपनी दुनिया के इंसानों ने
पहली बार उस पर कदम रखा हो.
और वो भी जिंदगी के इस पड़ाव में,
वो कहते है की उस गाव में भी
इन्सान रहते है,
और हम कहते है – ये ‘madness’ ही है.

वो बहोत जिद्दी है – ढलती उम्र,
और कमजोर हड्डियां भी उनके
हौसलों को नहीं रोक सकेंगे.
हम रोते रहते है हालातों के आगे,
और वो कहते है ‘झोंक देंगे’.
शायद जोखिम उठाना ही
उनकी फितरत में है, और हम
बस यही कहते – जे ‘madness’ ही है.

वे रखते है साहस उन बहिष्कृत
लोगों के आसू पोछने का
वे रखते है होसला, उन निराश चेहरों में हँसी खिलने का
वे रखते है हमदर्दी, उन खुले जख्मों
पर मरहम लगाने की
और हम बस यही कहते है – ये ‘madness’ है.

हम सयानेपन का मुखोंटा पहन कर
जिंदगी भर सयाने ही रहते है.
पुरखों ने बनाया हुआ रास्ता ही
सही मानकर जिंदगीभर चलते है
वो रास्ते से हटकर –हर पल
नया रास्ता बनाने में लगे रहते है
और हम कहते है- ये ‘madness’ ही है.